sita warrior of mithila hindi

सीता मिथिला की योद्धा, अमिश त्रिपाठी के द्वार लिखित रामचंद्र श्रृंखला की  दूसरी पेशकश है। पुस्तक की शुरुआत सीता के जनम से होते हुए उसके हरण पर समाप्त हो जाती है ठीक इक्षवाकु के वंशज की भांति ।शृंखला की प्रथम पुस्तकः राम के बारे में थी, दूसरी सीता के बारे में है और आने वाली तीसरी पुस्तक रावण के बारे में होगी। किन्तु तीनो पुस्तक का अंत एक ही है सीता हरण. चौथी पुष्तक से कहानी आगे बढ़ेगी ।

अमिश की सीता में तुलसी दास की सीता जैसे ही गुण है किन्तु अमिश ने सीता में क्षत्रिय गुण का प्रभुत्व जायदा देखने को मिला है । यह सीता अस्त्र शास्त्र चलाने में निपुण है, जनता के हित का धयान रखने वाली योगय शाशक है, राजनीती में चतुर है । सीता के इस आधुनिक रूप को देख कर अचछा तो लगता है पर साथ में ये नयी सीता से भावुकता के स्तर पर सम्बन्ध स्थापित नहीं हो पता है । इसका कारण शायद तुलसी की रामायण से अत्यधिक लगाव होने से हो सकता है ।

असली रामायण में सीता राम का विवाह एक मधुर सयोग था जबकि अमिश की रामायण में इसको सीता की एक सोची समझी हुई योजना के रूप में दिखाया गया है। अमिश ने रामायण से केवल पात्रो के नाम उठाये है और कुछ प्रमुख घटनाये। जैसे सीता का गोद लेना, रावण का सीता के स्वयंवर में जबरदस्ती शामिल होना, राम के वनवास में सीता और लक्ष्मण का जाना और सीता का हरण।इन सब के अलावा पुस्तक की कहानी और घटनाक्रम सभी लेखक की कल्पना है। अमिश की ये रामायण लोगो को या तो पसंद आएगी या पाठको के गले से नहीं उतरेगी। 

दोनो ही सूरत में पुष्तक को पढ़ के ही कुछ निर्णय तक पहुँच सकते है। मेरे लिए रामायण को तीन लोगो के दृष्टिकोण से लिखना एक ही कहानी को तीन बार जैसा लिखने के बराबर है। राम और सीता की कहानी पराए एक जैसी ही है। हा, रावण की कहानी में कुछ अलग पड़ने को मिल सकता है।

में इस पुस्तक को तीन सितारा देना बनता है।

सीता की कहानी अमिश त्रिपाठी की जुबानी अब आप पढ़ सकते है हिंदी भाषा में भी। अपनी कॉपी आज ही मगाये अमेज़न से Sita Warrior of Mithila in Hindi

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Ritu Mantri

Ritu is an avid book reader. She also reviews books and have reviewed around 200+ books till date. Her target is to finish 1000 books.

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